सितंबर में तबादले के बाद भी जमे हैं PHC के प्रभारी, जच्चा-बच्चा की मौत मामले दर्ज हो गयी है FIR
जच्चा-बच्चा की मौत के बाद एसडीएम ने प्रभारी को माना था दोषी
जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में दर्ज है चिकित्सक समेत 4 पर मुकदमा
मुकदमा के बाद स्वास्थ्य विभाग की हुई किरकिरी
शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में चिकित्सक समेत चार पर मुकदमा के बाद स्वास्थ्य विभाग की किरकिरी हुई है। इसकी वजह यह भी है कि चिकित्सक व कर्मचारी उच्चाधिकारी के निर्देशों का अनुपालन नहीं करते हैं। यहां के प्रभारी चिकित्साधिकारी नीलेश मालवीय का स्थानांतरण घटना के कुछ दिनों बाद सितंबर माह में ही कर दिया गया। लेकिन, ढाई माह बीतने के बाद भी वह नहीं हटे।
आपको बता दें कि मौत के बाद स्वजन व ग्रामीण के हंगामे के दौरान मामले की हुई जांच में एसडीएम दिव्या ओझा व विभागीय अफसरों ने प्रभारी को दोषी माना था। क्योंकि घटना वाले दिन वह बिना सूचना के ही आरोपित चिकित्साधिकारी डा. संदीप गौतम के जिम्मे अस्पताल का छोड़कर घर चले गए थे।
बताते चलें कि दायित्व मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वाईके राय ने इस पर कार्रवाई की और उनका स्थानांतरण चिकित्साधिकारी द्वितीय के पद पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकिया में कर दिया। यहां तैनात चिकित्साधिकारी द्वितीय डा. रविशंकर को शहाबगंज पीएचसी का प्रभारी नियुक्त किया। लेकिन, वह भी कार्यभार नहीं ग्रहण कर सके।
बता दें कि सीएमओ के आदेश को दरकिनार कर दोनों स्वास्थ्य अधिकारी अपनी-अपनी जगह अभी भी जमे हैं। हालांकि विभाग की किरकिरी होने के कारण प्रभारी चिकित्साधिकारी को हटाने के लिए लिखा पढ़ी शुरू कर दी है। विभाग की माने तो स्थानांतरण आदेश निरस्त नहीं हुआ है। ऐसे में अब सख्ती से अनुपालन की तैयारी है। वहीं, मुकदमा दर्ज होने के बाद चिकित्सक, स्टाप नर्स सुनीता पांडेय, एएनएम लालती देवी, दायी कलावती पर निलंबन की तलवार लटक गई है। इस पीएचसी के चिकित्सक व कर्मचारियों पर कई बार लापरवाही व धन उगाही के आरोप लग चुके हैं। स्टाफ नर्स व कई एएनएम यहां लंबे समय तैनात हैं। यदि एक-दो बार स्थानांतरण भी हुआ तो अफसरों से सांठगांठ कर निरस्त करवा लीं। दरअसल, लटाव ग्राम के अजय प्रताप की पत्नी संजू देवी को प्रसव पीड़ा होने 23 अगस्त की सुबह स्वजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। उपचार में लापरवाही व अमानवीय कृत्य से महिला व उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी।
इससे स्वजन व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और लेवा इलिया मार्ग को कार्रवाई की मांग को लेकर घंटों जाम कर रखा था। सडीएम समेत स्वास्थ्य विभाग के अफसर पहुंचे थे। लापरवाह चिकित्सक व कर्मचारियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को शांत करा दिया गया था।
तीन चिकित्सकों के पैनल ने किया था पोस्टमार्टम
महिला की मौत पर हंगामे को देखते हुए प्रशासन ने पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों का पैनल बनाया था। इसमें जिला अस्पताल के तीन चिकित्सक थे। इस पैनल की देखरेख में मृतका का पोस्टमार्टम किया गया था। पति का आरोप है कि मामला विभाग से जुड़ा होने से पैनल ने हृदयाघात से मौत होने की रिपोर्ट दी थी। वहीं, कार्रवाई नहीं होने पर पति ने न्यायालय के समक्ष अपनी पीड़ा बताई तो कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
बेड पर कुत्ता प्रकरण को डिप्टी सीएम ने लिया था संज्ञान
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शहाबगंज लापरवाही के मामले में अव्वल दर्जे का अस्पताल है। 18 नवंबर 2022 को बेड पर कुत्ते के आराम फरमाने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो गया था। इसका संज्ञान डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने लिया और सीएमओ को कार्रवाई करने का निर्देश दिए थे।
उस समय मौजूदा प्रभारी चिकित्पाधिकारी डा. नीलेश मालवीय की आकस्मिक सेवा के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। मामले में तत्कालीन प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. हीरालाल सिंह को हटा दिया गया था। डा. मालवीय को अति. पीएचसी कटयां, फार्मासिस्ट श्रवण कुमार का स्थानांतरण अति. पीएचसी इलिया कर दिया। इसके साथ ही वार्ड ब्वाय हरिद्वार व स्वीपर चौकीदार साजन को निलंबित कर दिया गया था।
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