जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

जानिए कौन और कैसे हैं चंदौली में आने वाले नए पुलिस कप्तान विनीत जायसवाल

विनीत जायसवाल के बारे में बताया जा रहा है कि वह आईपीएस बनने के पहले इंफोसिस कंपनी में इंजीनियर के तौर पर कम कर चुके हैं। 2010 बैच में नोएडा के जीएसएस कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद उन्होंने इंफोसिस कंपनी में अपनी नौकरी शुरू कर दी थी।
 

नोएडा-शामली-हाथरस में रह चुके हैं तैनात

शामली में दिखाया था अपना खास रंग

हाथरस कांड में निभायी खास जिम्मेदारी

पिता से प्रेरित होकर बने आईपीएस

 चंदौली जिले में नए कप्तान के रूप में तैनात किए गए नए आईपीएस अधिकारी विनीत जायसवाल को प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से पुलिस कप्तान बनाते हुए नई जिम्मेदारी सौंपी है। विनीत जायसवाल इसके पहले शामली और हाथरस जिले में पुलिस कप्तान  के तौर पर काम कर चुके हैं। विनीत जायसवाल एसपी बनने के पहले नोएडा में एसपी के रूप में भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

बताया जा रहा है कि उनको शामली जिले में काम करने के तौर तरीके देखने के बाद शामली एसपी रहने के दौरान हाथरस कांड में भी अहम भूमिका निभाने के लिए हाथरस जिले के एसपी के रूप में तैनाती दी गई थी। इसके बाद वह लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में पुलिस उपयुक्त के पद पर तैनात थे।

VINEET JAISWAL

इसे भी पढ़ें...पुलिस कप्तान के रूप में तीसरी तैनाती, इसके पहले की तैनाती में खूब रहे हैं चर्चित

 

आपको बता दें कि विनीत अग्रवाल मूल रूप से गोरखपुर जिले के रहने वाले हैं और वह अपने पिता जेल अधीक्षक राधेश्याम जायसवाल से प्रेरित होकर पुलिस सेवा में आए थे। अपनी नौकरी ज्वाइन करने के बाद उन्होंने कहा था कि पुलिस सर्विस भी एक मैनेजमेंट है, जहां पर अपराधियों पर लॉ एंड आर्डर का फार्मूला अप्लाई करके भय मुक्त समाज बनाने के लिए प्रबंध किया जाता है। यही एक अच्छी पुलिसिंग का तरीका है।

इसे भी पढ़ें...अंकुर अग्रवाल का तबादला, विनीत जायसवाल होंगे चंदौली जिले के नए पुलिस कप्तान

VINEET JAISWAL

 विनीत जायसवाल के बारे में बताया जा रहा है कि वह आईपीएस बनने के पहले इंफोसिस कंपनी में इंजीनियर के तौर पर कम कर चुके हैं। 2010 बैच में नोएडा के जीएसएस कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद उन्होंने इंफोसिस कंपनी में अपनी नौकरी शुरू कर दी थी। इसी दौरान उनका इच्छा यूपीएससी परीक्षा को क्लियर करने और सिविल सर्विस ज्वाइन करने की हुयी तो उन्होंने इसकी तैयारी शुरू की। हालांकि अपने पहले दो प्रयास में वह सफल नहीं हो सके। इसके बाद वह तीसरे प्रयास में सिविल सर्विस परीक्षा को पास करके आईपीएस बन गए।

 

Tags

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*