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जलालपुर ग्राम पंचायत को अपेडट करने में जुटे प्रधान व सेक्रेटरी, कई कमियां हुईं दुरुस्त ​​​​​​​

चंदौली जिले के बरहनी विकासखंड के ग्राम पंचायत जलालपुर में अनियमितता के मामले को लेकर सहायक पंचायत अधिकारी को निलंबित किया गया था, लेकिन अब वहां की व्यवस्थाएं बहाल होने के कारण दोबारा जांच करके बहाली की कार्रवाई की जा रही है।
 

एडीओ पंचायत को बहाल कराने की तैयारी

सामुदायिक शौचालय हो गया दुरुस्त

हैंडपंप भी हो गए रिबोर

पंचायत सहायक का वेतन का पैसा आया वापस

अब रिपोर्ट पर डीपीआरओ लेंगे फैसला

चंदौली जिले के बरहनी विकासखंड के ग्राम पंचायत जलालपुर में अनियमितता के मामले को लेकर सहायक पंचायत अधिकारी को निलंबित किया गया था, लेकिन अब वहां की व्यवस्थाएं बहाल होने के कारण दोबारा जांच करके बहाली की कार्रवाई की जा रही है।
 

बताया जा रहा है कि एडीपीआरओ आरपी सिंह ने शुक्रवार को गांव का दौरा किया और शिकायतों के सत्यापन के बाद सामुदायिक शौचालय, हैंडपंप के रिबोर तथा पंचायत सहायक के वेतन को वापस खाते में भेजा पाया गया तो मामले में अब दूसरी कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। इसकी जांच रिपोर्ट अब  एडीपीआरओ आरपी सिंह के द्वारा डीपीआरओ को भेजी जाएगी। 
 

बता दें कि शिकायतकर्ता शनि सिंह द्वारा ग्राम पंचायत जलालपुर में ग्राम प्रधान और सहायक ग्राम पंचायत अधिकारी के मिली भगत से सामुदायिक शौचालय, हैंडपंप रिबोर तथा पंचायत सहायक के वेतन में गोलमाल करने की बात की शिकायत की गई थी, जिसमें बरहनी विकासखंड अधिकारी द्वारा जांच के दौरान दोषी तत्काल प्रभाव से दोषी पाए जाने पर सहायक ग्राम पंचायत अधिकारी सुमित नंदन को डीपीआरओ द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद मामले की जांच लगातार जिलाधिकारी के निर्देश पर डीपीआरओ के माध्यम से कराई जा रही थी। 
 

कंदवा क्षेत्र के जलालपुर गांव में ग्राम प्रधान और सचिव ने चार नवंबर 2022 को प्राथमिक विद्यालय में दिव्यांग शौचालय बनवाने के नाम पर 75 हजार रुपया ग्राम सभा के खाते से निकाल लिया था लेकिन 10 माह बाद दिव्यांग शौचालय का निर्माण नहीं कराया। वहीं पंचायत सहायक का मानदेय भी ग्राम प्रधान के खाते में भेज दिया। जब 10 माह बाद गांव के सनी सिंह ने जिलाधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी के साथ आईजीआरएस पर शिकायत किया तब डीएम के निर्देश पर डीपीआरओ जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें सभी शिकायतें सही मिलीं। जांच शुरू होने पर दस माह बाद दिव्यांग शौचालय का निर्माण शुरू हुआ और पंचायत सहायक का मानदेय ग्राम पंचायत के खाते में वापस भेजा गया। वहीं हैंडपंप रिबोर के नाम पर 10 हैंडपंप का पैसा निकाल लिया गया लेकिन जांच में मात्र छह हैंडपंप ही मिले।शुक्रवार को गांव में दोबारा जांच में कमियों को दूर करने की स्थिति पायी गयी। जिस पर जांच अधिकारी एडीपीआरओ आरपी सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा सामुदायिक शौचालय तथा हैंडपंप के रिपोर्ट एवं  पंचायत सहायक के वेतन का मामले अपडेट कर दिया है। 

 

उन्होंने कहा कि मौके पर सामुदायिक शौचालय रंगा पुता एवं दुरुस्त दिखाई दिया। शौचालय बंद होने के कारण उसके अंदर की हालत नहीं देख सके। लेकिन शौचालय मौके पर निर्मित पाया गया। वहीं 6 हैंडपंप के रिबोर भी पाए गए। इसके साथ ही साथ पंचायत सहायक को जो पैसा ग्राम प्रधान के खाते में डाला जा रहा था, वह पैसा ग्राम पंचायत के खाते में वापस पाया गया। अब रिपोर्ट बनाकर सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत की जाएगी।
 

अब देखना है कि सारे कर्मियों को पूर्ण किए जाने के बाद अधिकारी द्वारा क्या निर्णय लिया जाता है और सुमित नंदन को फिर बहाल किया जाता है या उन्हें ऐसे ही निलंबित रखा जाता है।

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