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कांशीराम आवास में 12 साल बाद भी खाली फ्लैट और बदहाल सुविधाएं

चंदौली जिले के नगर पंचायत चंदौली और सैयदराजा में 2008 में बसपा के शासनकाल में आवास विकास की ओर से नगर पंचायत की भूमि पर 672 कांशीराम आवास बनाए गए थे।
 

2008 में बनी योजना 2012 में शुरू हुआ आवंटन

672 फ्लैटों में 36 अब भी खाली, हैंडपंप खराब होने से पीने योग्य पानी की किल्लत

बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण आवासी परेशान

चंदौली जिले के नगर पंचायत चंदौली और सैयदराजा में 2008 में बसपा के शासनकाल में आवास विकास की ओर से नगर पंचायत की भूमि पर 672 कांशीराम आवास बनाए गए थे। यहां 2012 से 636 लाभार्थी निवास कर रहे हैं। अभी भी 36 आवास खाली है।

आपको बता दें कि वहीं विभागीय अधिकारियों कहना है कि आवंटन प्रक्रिया न होने के कारण इसके चलते बचे आवासों का आवंटन नहीं हो पाया है। शासन से निर्देश मिलते ही आवासों का आवंटन किया जाएगा। प्रशासन की ओर से 2012 में 672 आवासों का आवंटन कर दिया गया था। जांच हुई तो उसमें 41 आवास लेने वाले अपात्र पाए गए थे। इसमें फिर जांच के बाद पांच लोग का आवास आवंटित कर दिए गए। आवास में रहने वालों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं। परिसर में हैंडपंप खराब है। सफाई भी नहीं होती है। आवास जर्जर हो गए हैं।

बताते चलें कि वर्ष 2008 में बसपा के शासनकाल में नगरीय क्षेत्र के गरीबों के लिए कांशीराम आवास योजना शुरू की गई थी। उस योजना के तहत 672 आवासों का निर्माण कराया गया। इसी बीच वर्ष 2012 में सूबे की सत्ता बदल गई। आवासों का आवंटन फंस गया।


इस संबंध में आवासी जितेंद्र विश्वकर्मा ने कहा कि पानी की टंकी उस पानी टपकता रहता है। टंकी कभी भी धाराशाही हो सकती है।

मुन्ना राम ने कहा कि आवासों का रंग-रोगन नहीं हुआ है। हैंडपंप भी खराब हो गए हैं। इसकी मरम्मत करने की जरूरत है।

सिंधु देवी ने कहा कि हैंडपंपों का पानी पीने योग्य नहीं है। उसे दुर्गंध आती है इसके चलते पानी की समस्या होती है। इस समस्या के समाधान किया जाए।

अजय कुमार ने कहा कि कांशीराम आवास की मरम्मत न होने के कारण लोग भय में रहते हैं। प्रशासन को तत्काल आवासों की मरम्मत करानी चाहिए।

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