RTE Admission : 4 चरण में 1882 बच्चों के कान्वेंट स्कूलों में हुए प्रवेश, RTE का मिला गरीब परिवार के बच्चों को लाभ

RTE को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से हर साल होती है पहल
जांच के बाद 225 आवेदन किए गए अस्वीकृत
2805 आवेदन पत्रों में से केवल 1882 बच्चों को मिला एडमिशन
चंदौली जिले में निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के प्रवेश के चौथे चरण की सोमवार को लॉटरी निकालकर 376 बच्चों को विद्यालय आवंटित किए गए। वहीं 225 आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए। इसके साथ ही चार चरण में आए कुल 2805 आवेदन पत्रों में से 1882 बच्चों को प्रवेश के लिए विद्यालय आवंटित किए गए। जल्द ही सेलेक्टेड बच्चों के एडमिशन के लिए परिजनों के सहमति पत्र मिल जाएंगे। साथ ही एडमिशन की प्रक्रिया सुनिश्चित होगी।

जिले में अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार के तहत निजी विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश के लिए एक दिसंबर 2024 से आवेदन लिए जा रहे थे। चार चरण में आवेदन लिए गए थे। पहले चरण में 625 ने रजिस्ट्रेशन कराया और इनमें से 496 के आवेदन को स्वीकृति मिली। इसी तरह दूसरे चरण में 672 आवेदन आए। उनमें से 522 और तीसरे चरण में आए 854 आवेदन पत्रों में से 488 बच्चों को प्रवेश के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। चौथे चरण के लिए विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया सोमवार को लॉटरी निकालकर पूरी की गई। इसमें कुल 654 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें से 429 आवेदन स्वीकृत और 225 अस्वीकृत किए गए। वहीं 53 विद्यार्थियों को सीट आवंटित नहीं हो पाए।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि लॉटरी के माध्यम से चयनित हुए विद्यार्थियों के अभिभावकों को जल्दी ही सहमति पत्र प्राप्त हो जाएगा। इसके साथ ही साथ बीएसए ने यह भी बताया कि अस्वीकृत आवेदकों के अधिकांश फॉर्म में यह देखा गया कि गांव और शहर के निवास के प्रमाण पत्रों में विसंगतियां थीं। साथ ही साथ कुछ बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में त्रुटि पाई गई थी।

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