मीट-मुर्गा-मछली बेचने वालों के लिए लाइसेंस है जरूरी, चलने जा रहा है बिना लाइसेंस की दुकानों के खिलाफ अभिायन

बिना लाइसेंस मीट बेचने वालों हो जाओ सावधान
जल्दी ही अभियान चलाकर होगी कार्रवाई
लाइसेंस और साफ-सफाई के बिना न चलाएं दुकानें
चंदौली जिले के कई कस्बों और बाजारों में लाइसेंस के बगैर मांस-मछली और मुर्गा बेचने वालों पर कार्रवाई की तैयारी है। जल्दी ही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग मुर्गा-मछली आदि बेचने वालों के यहां लाइसेंस की जांच के अभियान शुरू करेगा। अभियान के दौरान लाइसेंस के बगैर मांस आदि बेचते हुए मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आपने देखा होगा कि चंदौली जिला मुख्यालय के साथ-साथ सैयदाराजा, धानापुर, चहनिया, सकलडीहा, मुगलसराय, अलीनगर, चकिया, पड़ाव आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर मांस-मछली का कारोबार हो रहा है। जिले में करीब 500 मछली और 350 मुर्गा की दुकानों के लाइसेंस लिए गए हैं। उधर, 500 से ज्यादा दुकानें बिना लाइसेंस के संचालित हो रही हैं।
कई जगह सड़कों के किनारे खुले में ही मांस-मछली बेची जा रही हैं। इसके साथ-साथ दुकानों में साफ-सफाई का कोई इंतजाम नहीं है। मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं। मुर्गा और मछली के अवशेष नालों में फेंक दिए जाते हैं। इससे आसपास के क्षेत्र में दुर्गंध बनी रहती है। बकरा काटने के दौरान उसका खून भी नालियों में बहा दिया जाता है। ये अपशिष्ट बड़े नालों से होते हुए सीधे गंगा नदी में मिलते हैं। इसके अलावा मछली-मुर्गा आदि काटने में लोहे के जंग लगे चाकू का इस्तेमाल किया जाता है।

इस बारे में जानकारी देते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अभिहीत अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि बिना लाइसेंस मछली, मुर्गा आदि बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जल्दी ही अभियान चलाया जाएगा।
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