जिले में लगेंगे स्मार्ट मीटर, घर-घर जाकर तैयार की जा रही सूची
सर्वे के बाद शुरू कर दिया जाएगा प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य
अगस्त-सितंबर तक शहरी क्षेत्र में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य
बिना रीचार्ज बिजली नहीं जलेगी
जानिए कैसे काम करेगा ये बिजली मीटर
बताते चलें कि कार्यदायी संस्था जीएमआर के कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों के पहले से लगे बिजली के मीटर को चेक कर सूची बनाने में जुटे हुए हैं। इसके बाद प्रीपेड मीटर लगाने का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। नगर में करीब 90 हजार बिजली के उपभोक्ता हैं। इनमें से दस हजार से अधिक बड़े उपभोक्ताओं पर 100 करोड़ रुपये बिजली का बिल बकाया है। कई बार अभियान चलाने के बावजूद विभाग बहुत कम बकाया वसूल पाया है। बकाया और न बढ़े, इसके लिए शहरी क्षेत्रों में प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। यह मीटर मोबाइल रीचार्ज की तरह बिजली की सेवा देंगे। पैसे खत्म तो बिजली बंद हो जाएगी। बिना रीचार्ज बिजली नहीं जलेगी। इससे बढ़ते बकाया पर अंकुश लगेगा। साथ ही बिजली चोरी पर भी लगाम लगेगी।
जो सामान्य मीटर पहले से लगे हैं, उन्हें हटाया जाएगा। कार्यदायी संस्था के कर्मचारी इन दिनों घर-घर सर्वेक्षण के कार्य में जुटे हैं।
एक प्रीपेड स्मार्ट मीटर खर्च होंगे छह हजार रुपये
प्रीपेड स्मार्ट मीटर एक प्रकार का डिजिटल मीटर है, जो मोबाइल में लगने वाले सिम की तरह एक चिप के जरिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। घरेलू प्रीपेड कनेक्शन पर उपभोक्ता को एक बार में छह हजार रुपये जमा करने पड़ सकते हैं। प्रीपेड बिजली मीटर में एक रिले (स्वचालित स्विच) होता है, जो कोई यूनिट नहीं रहने पर बिजली काट देता है। रीचार्ज करने पर बैलेंस (यूनिट) बढ़ जाएगा और रिले फिर से बिजली प्रवाहित होने देती है। रीचार्ज करने पर एक कोड उपभोक्ता के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आएगा, जिसे मीटर में डालना होगा और बिजली सप्लाई शुरू हो जाएगी।
इस संबंध में चंदौली जिले के अधीक्षण अभियंता ओमप्रकाश ने बताया कि शुरुआत में शहरी क्षेत्र में प्रीपेड बिजली मीटर लगाए जाने हैं। प्रथम चरण में 50 हजार मोटर मंगाए जाएंगे। अगस्त-सितंबर तक शहरी क्षेत्र में प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य है। इन मीटरों में रीचार्ज करने पर ही बिजली मिलेगी।
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